Part 7
अंजली अपने वाइफ यानी शिवांश उर्फ शिवांगी को अपनी बाहों में भर कर बिस्तर पर एक और लुढ़क गई। और फिर पुराना खेल शुरू हो गया शिवांश एक पत्नी था और अंजलि एक पति, दोनों के बीच वही सब चीजें हुई जो पति और पत्नी के बीच में होती हैं फर्क सिर्फ इतना था कि शिवांश में आर्टिफिशियल वैजाइना लगा रखी थी, और अंजलि डील्डो का इस्तेमाल कर रही थी। लगभग 1 घंटे तक अंजलि शिवांश के साथ सेक्स क्रिया करती रही। शिवांश भी अब अपने आप को एक औरत के रूप में डांस किया था वह अपनी इस नर्क जैसी जिंदगी में अपने आप को एडजस्ट करने की कोशिश कर रहा था एक अच्छा खासा मर्द होते हुए भी वह एक औरत बंन कर रहा था। शिवांश बिस्तर पर निढाल हो कर सो गया पर एक चीज आज उसे नयी लग रही थी। अंजली में आज शिवांश के साथ एनल नहीं किया था। उसने शिवांश की आर्टिफिशियल वैजाइना का ही यूज किया था कुछ सोचते हुए शिवांश यानी शिवांगी ने अपनी आर्टिफिशियल वैजाइना की तरफ अपना हाथ बढ़ाया।उसे अपनी आर्टिफिशियल वैजाइना में कुछ गीला गीला सा लगा जब उसने थोड़ा और अंदर हाथ डाला तो उसमें से चिपचिपा तरल निकल रहा था। शिवांश यानी शिवांगी सोचने लगी ओ माय गॉड यह तो बिल्कुल वैसा ही है जैसा उसके ल** से निकलता है। तो क्या अंजली सचमुच मर्द बन रही है, क्या हुआ सेक्स चेंज करवाने में यकीन रखती है, आखिर उसके आर्टिफिशियल वैजाइना में यह तरल पदार्थ आया कहां से। शिवांश यानी शिवांगी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, तभी अंजली बोल उठे क्या हुआ मैडम परेशान हो रही हो यह तो तुम औरतों के निकलता ही है। तुम जो पानी पिछले 2 महीनों से पी रही हो उसमें मैं तुम्हें दवा दे रही है इसलिए अब तुम्हारे च** से ही ऐसा पानी निकलने लगा है। यह मेरे आर्टिफिशियल दिलडो से नहीं निकला बल्कि तुम्हारे ठीक से ही निकला है जब मेरे डील्डो से निकलेगा तब मैं तुम्हें दिखाऊंगी और तुम्हारे मुंह में सीधा डाल दूंगीI शिवांगी ने कोई जवाब नहीं दिया वह चुपचाप लेटी रही , अंजलि भी सो गई। अगले दिन जब शिवांगी सो कर उठी तो रोज की तरह नहा धोकर अपने किचन के काम में तैयार होकर मेकअप करके जुट गई अब इन सब चीजों के अभ्यस्त हो चुकी थी। मरदानी कपड़े पहन कर सासू मां अंजलि और मोहिनी तीनों घर से बाहर काम पर चली गई और घर में रह गई केवल शिवांगी। जो कि औरत बन कर रह रही थी एक मर्द होते हुए भी उसे क्रॉसड्रेसिंग क्या होती है अब समझ में आ रहा था crossdressing का मजा तब है जब वह छुप करके की जाए।
पर यहां तो वाइफ और सासू मां मिलकर खुद ही अपने हस्बैंड को क्रासड्रेसर बनाकर , उसे धीरे-धीरे पूरी तरह औरतों में बदलने की तैयारी कर रही थी। शिवांगी सोच रही थी कि क्या कभी उसे इस औरत के जीवन से छुटकारा मिलेगा। वाह सारा काम फिनिश करने के बाद बिस्तर पर लेटी यही सब सोच रही थी कि अचानक डोर बेल बजी।बाहर दो औरतें खड़ी थी शिवांगी ने दरवाजा खोला और उन्हें अंदर बुलाया पूछा आप क्यों आई हैं काम बताइए। इस पर दोनों औरतों ने कहा कोई बात नहीं हम तो आए हैं, अनाथालय से आपका नाम अंजली है क्या, जी नहीं मेरा नाम शिवांगी है शिवांगी ने बताया। तब तो ठीक है अंजलि जी ने मुझसे कहा था कि जिनमें शिवांगी ही मेरे घर में रहती है मुझे आपका चेक अप करना है। चेकअप पर क्यों मेरा चेकअप क्यों करना है शिवांगी ने उन औरतों से पूछा। औरत ने कहा घबराइए नहीं मैडम मैं आपके शरीर का चेकअप नहीं करूंगी
बल्कि आपका मानसिक चेकअप करूंगी क्योंकि आप एक बच्चा गोद लेने वाली हैं। मैं आपसे कुछ सवाल पूछ कर यह जानना चाहूंगी कि आप मां के रूप में एक बच्चे को पाल सकती है कि नहीं। अंजलि ने बताया है कि आपके पति ने आपको तलाक दे दिया है, जीवन का सहारा पाने के लिए आप एक बच्चा गोद लेना चाहती हैं तो इसमें अंजली आपकी मदद कर रही है।शिवांगी को अंजली का सारा प्लान समझ में आ रहा था दर्शन शिवांगी के नाम से अंजली एक बच्चा गोद लेना चाहती थी और शिवांगी को एक मां के रूप में अब बच्चे की जिम्मेदारी उठानी थी शायद अंजलि अब हमेशा के लिए मर्द बनना चाहती थी यदि वह अपना लिंग परिवर्तन कर आती है तो इसका शरीर ही बदलेगा वह बच्चा पैदा तो कर नहीं सकेगी और शिवांगी भी जब सेक्स परिवर्तन कर आती है तो वह भी मां नहीं बन सकती है। अंजलि और सासू मां का पूरा प्लान अब शिवांश यानी शिवांगी के सामने खुल चुका था। उसने भी एक औरत की तरह उन दोनों औरतों के पूछे गए सवालों के जवाब दिए। औरतों ने कहा मुझे खुशी है कि आप में मां की जिम्मेदारी उठाने की सभी विशेषताएं हैं आप गोद लिए गए बच्चे को अपना प्यार दे सकती हैं और अपना मातृत्व प्रदान कर सकती हैं। दोनों औरतें चली गई।
शाम को अंजलि और सासू मां जब घर पर आए तो शिवांगी किचन के काम में जुटी थी आज कुछ देर में दोनों ऑफिस
से घर पर आई थी। शिवांगी ने चाय नाश्ता बना कर दोनों को दिया। अंजलि ने कहा आज खाना जल्दी बना लो शिवांगी ने जल्दी से खाना बना लिया उसके बाद सासु मां का खाना निकाल दिया। सासू मां और मोहिनी खाना खाने के बाद सो गई जबकी अंजलि ने शिवांगी से कहा, जाओ अपनी आर्टिफिशियल वैजाइना उतार कर के नहा कर आ जाओ। शिवांगी नहाने के लिए बाथरूम में चली गई वहां उसने आर्टिफिशियल वैजाइना गर्म पानी से निकाला जिससे उसका ग्लू पिघल गया। जब सिवान से आने शिवांगी ने अपना ल** देखा तो वह बिल्कुल आधा इंच का रह गया था और बिल्कुल बेजान पतला सा, शिवांश परेशान हो उठा इसका मतलब जो दवाएं उसे अंजलि दे रही है उससे उसके लंड का आकार कम हो रहा है।इससे तो उसका अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा वह भले ही शरीर से एक औरत के रूप में हो जाए पर मानसिक रूप से वह कभी औरत नहीं हो सकता या वह अच्छी तरह समझता था। जब अंजलि एक बच्चे को गोद ले लेगी तब शिवांगी उनको पा लेगी तू उसके मन में एक औरत की कोमल भावनाएं जागृत होने लगेंगे तब क्या वह अपने बच्चे को छोड़ पाएगी। या फिर शिवांश हमेशा की तरह शिवांगी बनकर ही वह जिम्मेदारी भी निभाएगी। यह सारे सवाल शिवांश के मन में तेजी से घूम रहे थे, पर क्या शिवांश को इस जीवन से कभी छुटकारा मिलेगा, शिवांश इसी बात का मंथन लगातार कर रहा था वह शिवांगी भले ही बनकर रह रहा था पर उसका दिमाग अभी उसे स्वीकार नहीं कर पा रहा था, अचानक उसके दिमाग में एक प्लान ने जन्म लिया और वह उसी पर काम करने का फैसला करते हुए मुस्कुराने लगा।
Part 8
शिवांश अब शिवांगी बन कर अपना जीवन गुजार रहा था। पर उसके दिमाग में इस जीवन से निकलने का एक आईडिया आ गया था। अगले दिन उसने सुबह उठकर अपना काम किया नहा धोकर तैयार हुआ नाश्ता बनाया खाना बनाया। सासू मां अंजलि और मोहिनी तीनों ऑफिस चले गए। उसके बाद शिवांगी आराम से बिस्तर पर लेटी थी। उसको ऐसे में अपने एक खास दोस्त की याद आई कमलेश नाम था उसका जो हमेशा उसके सुख दुख में सहायता करता था लगभग 3 साल हो चुके थे दोनों के बीच में कोई बात नहीं हुई थी। उसने कमलेश को फोन लगाया कहां हो भाई। कमलेश ने कहा बहुत दिनों बाद याद किया तुमने क्या बात है कैसा चल रहा है भाभी जी का साथ। मैं तो एक इंटर कॉलेज में गवर्नमेंट टीचर हो गया हूं कमलेश ने बताया। शिवांश ने रोते हुए कमलेश को सारी बात बता दी।कमलेश ने कहा परेशान मत हो मेरी छुट्टियां चल रही हैं 1 महीने के लिए स्कूल बंद है। मैं तुम्हें तरीका बताता हूं तुम उस पर अमल करो मैं तुम्हारा साथ दूंगा। फिर कमलेश और शिवांश ने एक फार्मूला बनाया और उस पर काम करने का निश्चय किया शाम को जब अंजलि और सासू मां मोहिनी के साथ काम से वापस आए तो शिवांगी ने नाश्ता बना कर लिया और खाना बनाने लगी आज वह काफी खुश दिख रही थी। रात को जब अंजलि बिस्तर पर गई तो शिवांगी बिना कुछ कहे खुद सज संवर कर तैयार होकर आ गई। इसके पहले अंजली कुछ समझ पाती शिवांगी ने अंजली के, अंडरवियर के अंदर हाथ डाल दिया अंजलि ने कहा यह क्या कह रही हो, शिवांगी बोली अब मैं मानसिक रूप से औरत बन गयी हो अब मुझे भी चाहिए जो तुम्हारे पास है। इतना कहते हुए शिवांगी में अंजली के अंदर बीयर भी बने हुए डील्डोरों यानी कि आर्टिफिशियल ल** को अपने मुंह में ले लिया।फिर अपना पेटीकोट ऊपर करके अपनी नकली वेजाइना अंजली के सामने कर दी। अंजली अपने हाथों से पकड़कर अपनी आर्टिफिशियल वैजाइना में डालने लगी अंजलि यह देख कर बोली पागल तो नहीं हो गई हो तुम। शिवांगी ने कहा नहीं नहीं आज मैं आपसे अपना हक लेना चाहती हूं अब मैं पूर्ण रुप से औरत बनना चाहती हूं इसलिए मुझे सेक्सुअल संतुष्टि भी चाहिए। और हां मेरे बूब्स बड़े हो रहे हैं मेरी पूरा टाइट हो गई है मेरे लिए नई ब्रा ला दो
शिवांगी ने इठलाते हुये औरत की तरह कहा। कहां कल तक अंजलि शिवांगी को एक औरत के रूप में काम करवाती थी और आज शिवांगी को औरत बना अंजलि को मर्द की जिम्मेदारी निभाने को कह रही है यह अंजलि के सामने बिल्कुल नहीं आ रहा था। शिवांगी ने कहा रात जिस घर के मर्द अपने घर की औरतों की सेक्स की भावनाओं का ख्याल नहीं रखते हैं वह औरतें बाहर मुंह मारती हैं।
किसी तरह से रात बीत गई फिर लोकल दिनचर्या चलती रही अंजलि सासु मां और मोहिनी तीनों काम पर वापस आते और शिवांश घर पर रहता शिवांगी बनकर, एक दिन अचानक सासू मां को कहते हुए सुना कि अंजलि आज तो जल्दी वापस आ जाना, यह सुनकर शिवांश ने कमलेश को फोन किया फिर क्या था अंजली सुबह गई और लगभग 1:00 बजे वापस आयी, अंजलि ने देखा दरवाजा बाहर से खुला था, अंदर वाला कमरा बंद था, उसने शिवांशु को आवाज लगाई अरे शिवांगी कहां हो क्या कर रही हो अंदर, कोई जवाब ना पाकर अंजलि ने दरवाजे को एक झटका दिया और दरवाजा भर से खुल गया, मगर अंदर की हालत देखकर अंजलि के पैरों तले जमीन खिसक गई शिवांगी बेड पर लेटी थी उसके ब्लाउज के सारे हुक खुले हुए थे ब्रा की पट्टी भी पीछे से खुली थी, उसकी साड़ी भी आधी खुली हुई थी वह एक गैर मर्द के साथ बिस्तर पर लेटी थी।इससे पहले अंजलि कुछ कह पाती वाहन गैर मर्द बाहर निकल कर दरवाजे से चला गया। अंजलि शिवांगी पर बड़बड़ आई कौन है यह जिसके साथ तुम यह कर रही हो तुम्हें पता है कि तुम मर्द नहीं हो औरत हो, सॉरी औरत नहीं हो एक मर्द हो जो औरत के कपड़े पहनकर रहती हो तुम्हें यह सब करने से क्या मिल रहा है। क्या तुम गे हो गई हो। शिवांगी धीरे से बोली अब मेरे अंदर औरतों की कोमल भावनाएं आ रही है इसलिए मुझे सेक्सुअल संतुष्टि भी चाहिए अब मैं सेक्स चेंज करवा कर पूरी तरीके से औरत बनना चाहती हूं इसलिए जब मेरी भूख नहीं मिटी तो मैंने एक मर्द को बुला लिया, अंजली कुछ बोली नहीं हुआ है जाकर सोफे पर बैठ की शिवांगी ने अपने कपड़े ठीक किए फिर बाथरूम में जाकर फ्रेश हुई और चाय बना कर ला कर अंजलि के सामने रख दी, अंजलि ने आज नई साड़ी पहन रखी थी नया ब्लाउज ब्रा पेंटी और पेटीकोट सब नया था उसमें खूबसूरत मेकअप किया था।अंजली ऑफिस ड्रेस में ही थी उसने पैंट शर्ट टाई बेल्ट कोट सब पहन रखा था आंखों पर चश्मा भी लगाया हुआ था, जैसे ही वह सासु मां के कहे के अनुसार बाहर चलने को तैयार हुई थी शिवांगी के बगल में पहुंच गयी बोली आज मैं भी आपके साथ मार्केट चलूंगी। मुझे अपने लिए कुछ मेकअप का सामान बिंदी और सिंदूर लेना है, काम करने से मेरी चूड़ियां टूट गई है मैं नई चूड़ियां भी पहनूंगी शिवांगी नें कहा।
अब अंजलि चक्कर में पड़ गई थी कि अचानक शिवांगी में यह परिवर्तन है क्या कैसे आ गया, निश्चय किया कि वह अब अपनी मां से बात करेगी।
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