स्टोरी ऑफ ए इंडियन हाउस हसबैंड 5-6

Part 5

अंजलि शिवांश को लेकर बिस्तर पर एक और पलट गई। शिवांश यानी शिवांगी कुछ समझ नहीं पा रही थी अचानक अंजलि ने उसके ब्लाउज के हुक खोलने शुरू कर दिए और उसकी ब्रा के हुक भी निकाल दिये। और शिवांगी की होठो और गालों पर चुंबन ओ की भरमार कर दी और उसके बूब्स को तेजी से दबाने लगी। अंजलि शिवांगी के ब्रा के अंदर हाथ डाल कर उसके नेचुरल नेपल्स को मसल रही थी जिस कारण से शिवांगी की चीखें उभर रही थी। पर इससे अंजलि को कोई फर्क नहीं पड़ता था वह तो इस तरीके से व्यवहार कर रही थी जैसे कोई मर्द किसी खूबसूरत औरत को देख कर उस पर टूट पड़ता है। शिवांगी ने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की तो अंजलि बोली क्यों क्या हुआ जब औरत बनी हो तो औरत का मजा भी लो अब तो मैं मर्द हूं और तुम्हें औरत के रूप में ही सारा कुछ सहन करना होगा
इसके बाद अंजलि ने शिवांगी की साड़ी उतार ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी और अपने दोनों हाथों से अपने ब्लाउज के हुक को बंद करने की कोशिश कर रही थी। अंजलि यह देखकर बोली क्या मैडम तुम अपने पति के सामने खड़ी हो इतना शर्मा क्यों रही हो। अगर तुम रियल में औरत होती तो मैं आज तुम्हें पूरी नंगी कर देती मगर तुम तो मर्द हो जो औरत के कपड़े पहनकर औरत बने हुए हो अगर मैं तुम्हें नंगा कर दूंगी तो तुम्हारी फीलिंग ही खत्म हो जाएगी। पर आज मैं तुम्हें उस दर्द का एहसास कर आऊंगी जिसे एक मर्द औरत को देता है इतना कहकर अंजली ने अपना लोअर नीचे उतार दिया।। शिवांगी ने जो देखा उसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकती थी क्योंकि उसकी जांघों के नीचे के प्लास्टिक का ल** दिखाई दे रहा था। जो शायद इलेक्ट्रिक होने के कारण फिर ढूंढ भी रहा था और शिवांगी या देखकर बिल्कुल हैरान हो गई थी।

अब शिवांगी आगे कुछ कह पाती या कुछ समझ पाती अंजलि ने उसे बिस्तर पर गिरा कर मिटा दिया और उसके गांड में। एक ही जल निकाल कर लगाने लगी, फिर उसने एक क्रीम निकाली और शिवांगी की गांड में अंदर तक अपनी उंगली घुसा कर लगा दी। शिवांगी कुछ समझ नहीं पा रही थी तभी अंजलि ने जो किया वह शिवांगी कभी समझ नहीं सकती थी । अंजलि ने रबर का बना हुआ ल** ़शिवांगी की गांड में घुसा दिया। लगभग 6 इंच अंदर जाने के बाद शिवांगी को तेज दर्द हुआ पर अंजलि को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा उसने डील्डो को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। शिवांगी दर्द से तड़प रही थी मगर अंजलि एक अपने आप में मर्द की तरह मजा ले रही थी। आधे घंटे तक की खेल चलता रहा शिवांगी बिल्कुल बिस्तर पर लेट चुकी थी थोड़ी देर बाद अंजलि भी थक गई और वह भी बिस्तर पर लेट गई।

उधर शिवांश यानी शिवांगी का ल** भी पानी छोड़ चुका था और उससे पेटीकोट गीला हो गया था या देखकर अंजलि बोली देख क्या रही हो जा करके अपना पेटीकोट बदल लो और मैक्सी पहन कर आ जाओ। फिर क्या था शिवांगी को बाथरूम जाना पड़ा वह धो करके पेटिकोट चेंज करके एक मैक्सी पहन कर के अंजलि के पास आ गई और बगल में ही सो गई। रात में जब शिवांगी सो रही थी तो भी अंजलि कहां शिवांगी के ब्लाउज के अंदर था और अंजली के हाथ शिवांगी के बूब्स को धीरे धीरे दबा रहे थे यह तब तक चलता रहा जब तक अंजलि को नींद नहीं आ गई। रात किसी तरह बीत गई

अगले दिन सुबह ही अंजलि ने शिवांगी को जगाया बोला आज ऑफिस जल्दी जाना है इसलिए तुम उठ करके नाश्ता बना दो तभी सासू मां बिगड़ गई और कहां वह भी अंजलि के साथ ही निकलेंगे मोहिनी भी तैयार हो गई।
शिवांगी ने जल्दी उठ करके नहाया रात की घटना ने उसको मानसिक रूप से तोड़ दिया था पर वह औरत थी और औरत की जिम्मेदारी तो उसे निभानी ही थी। नहा धोकर उसने साड़ी ब्लाउज पेटीकोट ब्रा पहनती पहना मांग में सिंदूर लगाया माथे पर बिंदिया लगाई ज्वेलरी पहनी चूड़ियां पहने कुल मिलाकर एक सुहागन औरत की तरह जैसा सासू मां ने कहा था तैयार होकर शिवांगी किचन में काम करने लगीI

1 घंटे में ही नाश्ता तैयार हो गया और शिवांगी नाश्ता लेकर जब ड्राइंग रूम में पहुंची तो वहां देखा रही है कि अंजलि आज ब्लैक कलर के पेंट वाइट कलर की शर्ट और रेड कलर के टाइ में थी उसने कोर्ट नहीं पहन रखा थाI

जबकि सासू मां ने क्रीम कलर की शर्ट उस पर लाल रंग की टाइम लगा रखी थी और ब्राउन कलर का ही पैंट पहन रखा था।
सासु मां और अंजलि दोनों नाश्ता करके ऑफिस की ओर चली गई जबकि मोहिनी ने कहा आज और देर से जाएगी। मोहिनी ने नाश्ता भी नहीं किया था उसने कहा शिवांगी भाभी मैं नाश्ता देर में करुंगी इन लोगों को जाने दो तब शिवांगी ने कहा ठीक है। दोनों के जाने के लगभग आधे घंटे के बाद अंदर के कमरे से आवाज आई शिवांगी भाभी जरा मुझे नाश्ता दे देना। ओके अभी लाई शिवांगी भाभी ने कहा। जैसे ही शिवांगी ब्रेड पकोड़ा और चाय लेकर की मोहिनी के कमरे में पहुंची तो मोहिनी ने तुरंत ही। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और शिवांगी का हाथ पकड़कर कहा, क्यों शिवांगी भाभी अंजलि भैया को तो रात में बहुत मजा दी हो जरा अपने देवर को भी तो पप्पी झप्पी दे दो

Part 6

सासु मां और अंजलि दोनों ऑफिस जा चुकी थी घर में केवल मोहिनी और शिवांगी ही बची थी, मोहिनी ने शिवांगी को नाश्ता लेकर कमरे में आने के लिए कहा जैसे ही शिवांगी नाश्ता लेकर कमरे में पहुंची मोहिनी ने दरवाजा बंद कर लिया और बोली, रात में तो अंजनी भैया को खूब मजे दी हो शिवांगी भाभी जरा अपने इस मोहिनी देवर को भी कुछ पप्पी झप्पी दे दो, शिवांगी के सामने रात के दर्दनाक सीन गुजर गए वह हाथ जोड़ती हुई बोली, देखो तुम जानती हो कि मैं कौन हूं इसके बावजूद तो मुझ पर यह जुल्म क्यों कर रही हो शिवांगी ने हाथ जोड़ते हुए कहा इस पर मोहिनी बोली, देखो शिवांगी अब तुम एक औरत हो इसलिए तुम्हें औरत की तरह ही व्यवहार करना चाहिए। पर तुम नाश्ता तो कर लो ठंडा हो जाएगा शिवांगी ने बात को टालने के उद्देश्य से मोहिनी को बोला। इस पर मोहिनी ने कहा नाश्ता तो एक बहाना था दरअसल तुम्हें इस कमरे में बुलाना था। शिवांगी ने कहा अगर तुम मुझे अपनी शिवांगी भाभी मानती हो तो भी तुम मेरी देवर हो और देवर भाभी में मां का रिश्ता होता है तो मुझसे मेरे साथ कुछ गलत नहीं कर सकती। मोहिनी ने कहा चलो ठीक है मैं तुम्हारे साथ कुछ गलत नहीं करती हूं पर तुम्हें भी देवर भाभी के रिश्ते का सम्मान करना चाहिए जो मैं कहूं वह तुम्हें करना चाहिए और तुम्हें करना ही पड़ेगा क्योंकि कोई काम करती नहीं हो घर में ही रहती हो, क्या करना होगा मुझे शिवांगी ने हाथ जोड़ते हुए मोहिनी से कहा।इस पर मोहिनी बॉर्बी मेकअप तो तो बहुत अच्छा करती हो ड्रेस भी बहुत अच्छी पहनी हुई हो। घर में कोई है भी नहीं हम दोनों के सिवा, मुझे तुम जैसे क्रासडेरेसर्स के डांस को देखने का बहुत शौक है।मैय म्यूजिक लगाती हूं तुम जरा इस पर डांस करके दिखाओ। पर मुझे नाचना नहीं आता मैं कैसे ना सकती हूं तब मोहिनी बोली कोई बात नहीं जैसा तुम्हें नाचना आता है वैसे ही नाच करके दिखाओ मैं तो डांस देखूंगी। फिर मोहिनी ने म्यूजिक लगाया और शिवांगी डांस करने लगी । लगभग 1 घंटे तक शिवांगी डांस करती रही परवाह इस बात से अनजान थी की मोहिनी उसका वीडियो बना रही थी। शिवांश यानी शिवांगी 1 घंटे डांस कर कर बुरी तरह थक चुका था। 12:00 बजे मोहिनी अपने ऑफिस चली गई और अब जब घर में केवल शिवांगी ही रह गई। तो उसने झूठे बर्तन साफ किए और आराम करने के लिए बिस्तर पर लेट गई। शिवा शिवानी शिवांगी क्या सोच रही थी या सोच रहा था कि वह भी क्या दिन थे जब वह काम पर जाता था दिनभर ऑफिस में रहता था और जो भी मिलता था उसे लेकर शाम को घर आ जाता था कितने सुखी के थे वे दिन।वह उस घड़ी को पूछ रहा था जिस दिन उसने अपना ऑफिस जॉब छोड़ दिया था और गलती उसी की थी क्योंकि उसने मन लगाकर कंपटीशन की तैयारी नहीं की थी और वह अंजलि पर आश्रित हो गया था।अंजलि और सासू मां ने उस का नाजायज फायदा उठाया अपना बाहर का काम करने लगी और उसे एक हस्बैंड से हाउस हस्बैंड बना दिया। इसी का नतीजा है कि आज शिवांश की पत्नी यानि अंजलि मर्दों के कपड़े यानी पैंट शर्ट टाई बेल्ट कोट पहनकर ऑफिस जाती है उसकी सासू मां भी मर्दों की कपड़ों में ही आफिस आती है। और वह खुद क्या करता है औरतों की तरह साड़ी ब्लाउज ब्रा पेंटी पेटीकोट पहनकर फुल मेकअप कर कर बिग लगाकर लिपस्टिक लगाकर ज्वेलरी पहन कर घर में रहकर एक और औरत की तरह घर के काम करता है। ऐसा सोचकर शिवांश की आंखों में आंसू आ गए थे पर वह कुछ कर नहीं सकता था मजबूत था इन कपड़ों में तो वह अपने रिश्तेदारों को भी कुछ नहीं बता सकता था ना ही उनसे मिल सकता था लगभग 2 माह से शिवांश ने यानी शीवांगी ने औरत के कपड़े छोड़कर कभी मर्दों के कपड़े नहीं पहने थे। शिवांश साड़ी ब्लाउज पहनकर बिस्तर पर लेटा यही सब सोच रहा था कि तभी दरवाजे पर दस्तक कोई शिवांगी सोच रही थी कि इस समय कौन हो सकता है, अलमारी के सामने जाकर आईने में अपना चेहरा देखा मेकअप ठीक किया और फिर दरवाजा खोला देखा तो सामने एक पड़ोसन खड़ी थी, बोलिए जी आप आप कौन हैं शिवांगी ने पूछा। इस पर पड़ोसन बोली मैं आपके सामने वाले फ्लैट में रहती हूं, दिन में अकेली रहती हूं सो बोर हो जाती हूं आज मैंने देखा कि आप म्यूजिक पता कर बहुत अच्छा डांस कर रही थी। मुझे भी डांस में इंटरेस्ट है सोचा कि आप से निकली वह दोनों लोग आपस में बातचीत करेंगे

थोड़ा बहुत मौज मस्ती कर रहेंगे तो दोनों का दिल भर जाएगा।शिवांगी को तुरंत इस बात का एहसास हो गया कि जब मोहिनी उसे न जा रही थी तब खिड़की का शीशा खुला था। पर अब कुछ नहीं हो सकता था शिवांगी नहीं कहा ठीक है मैडम जी आप आइए। पर मुझे डांस का कोई शौक नहीं है वह तो आज मोहिनी जी ने कहा तो हम दोनों डांस की प्रैक्टिस करने लगी मैं अक्सर नाचती नहीं हूं। लगभग आधे घंटे तक वह पड़ोसन शिवांगी के साथ बातचीत करती रही। शाम के 4:00 बजे जब उसके हस्बैंड ऑफिस से आए तब वह अपने फ्लाइट में गई। शिवांगी में भी अपना काम करना शुरू किया शाम के लिए किचन की तैयारी शुरू की। इसी तरह दिन बीते रहे 1 माह और बीत गए।एक दिन शाम को शिवांगी और सासू मां ऑफिस से घर आए। अंजलि ने शिवांगी से कहा यह पैकेट तुम ले जाकर अलमारी में रख दूं रात में खोलना है शिवांगी ने पैकेट अलमारी में रख लिया उसके बाद लगभग 9:00 बजे सब को खाना देने के बाद वाह कमरे में चली गई।वह अभी 2 मिनट चैन की सांस ले ही रही थी कि वहां अंजली आ गई और बोली, वह पैकेट निकालो और मेरे सामने निकालकर खोलो। शिवांगी ने देखा अंजली इस समय कुर्ते पजामे में थी, और उसने अपने बाल भी आज ही कटवाए थे

खैर इन सब बातों का जिक्र करने से क्या फायदा शिवांगी तो अब औरत बन चुकी है अंजलि के कहने पर उसने पहले कमरे का दरवाजा बंद किया। और फिर वह पैकेट लाकर अंजलि के सामने रख दिया अंजलि ने पैकेट खोला। पैकेट खोलते ही, शिवांगी की आंखें फटी की फटी रह गई उसमें एक आर्टिफिशियल वैजाइना था और एक ऐसा अंडर वियर था जिसमें रबर का बना हुआ पेनिस साथ जुड़ा हुआ था, अंजलि ने बिना किसी झिझक के वह अंडरवियर जिसमें पहली जुड़ा हुआ था उठाकर के पहन लिया। अब उसकी जांघों के बीच एक लंड साफ लटक रहा था, उसने शिवांगी से कहा जाओ और यह वजाइना पहन कर के आ जाओ। अपने स्थान से ही ली नहीं इस पर अंजलि ने डांटते हुए कहा सुना नहीं मैंने क्या कहा औरतों को मर्दों की बात माननी चाहिए कमाकर मैं लाती हूं तुम नहीं लाती हो, इस पर भी शिवांगी अपने स्थान से नहीं करी तब अंजलि ने सिवाश को गर्दन पकड़कर नीचे गिरा दिया, उसकी साड़ी और पेटीकोट दोनों उठा लिए और वह आर्टिफिशियल वैजाइना उसे पहना दिया, उस वजाइना में अंदर शायद गुरु लगा था इस वजह से वह जाकर फिक्स हो गया था, शिवांश का पेनिस उसके अंदर इस तरह एडजस्ट हो गया था कि जब उसे बाथरूम करना हो तो वह नीचे के रास्ते ही बाहर निकलता।कुल मिलाकर बात यह है कि अब शिवांश यानी शिवानी को अब बाथरूम करना होगा तो वह बाथरूम बैठकर ही खड़े की लड़कों की तरह खड़े होकर नहीं कर पाएगी, अंजलि ने कहा अब याद रखो शिवांगी तुम्हें बाथरूम भी लड़कियों की तरह बैठकर ही करनी है। शिवांश अपनी गर्दन झुकाए बैठा रहा, वह कुछ कहने या करने की स्थिति में नहीं था फिर क्या था रोज की कहानी शुरू हुई अंजलि ने कहा चलो आकर बिस्तर में सो जाओ, शिवांगी बोली जी मैं जरा अभी मेकअप ठीक करके आती हूं वही तो आप वैसे भी डांट होगी फिर शिवांगी ड्रेसिंग टेबल पर चली गई ताजी लिपस्टिक लगाई बिंदिया लगाई मांग में सिंदूर डाला और फिर, आकर शिवांगी एक औरत की तरह अपने पति अंजलि के बगल में लेट गई अंजलि ने तुरंत ही शिवांगी को अपनी बाहों में समा लिया।


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