स्टोरी ऑफ ए इंडियन हाउस हसबैंड 3-4

Part 3

सुबह के समय जब शिवांश सो कर उठा, मोहिनी ने उससे कहा जीजा बाथरूम में जाकर नहा लीजिए, मैं आपके कपड़े बाहर रख देती हूं पहन कर के ही बाहर आएगा। और aaj के बाद से मैं आपको जीजा नहीं बल्कि भाभी बोलूंगी। क्योंकि दीदी बन चुकी है मेरी भैया और आप बन चुके हो उनकी बीवी यानी की मेरी भाभी। शिवांश बिना कुछ बोले ही बाथरूम में चला गया ब्रस किया और नहा कर बाहर आया। वह towel लपेट कर बाहर आया था सामने देखा तो ब्रा पेंटी का एक सेट रखा था। उसने दोनों चीजें पहन ली। फिर मोहिनी उसे अंजलि के रूम में ले गई। अंजलि ने उसका मेकअप किया। फाउंडेशन क्रीम पाउडर लिपस्टिक बिंदी सब लगाया। 3 महीने घर पर रहने और बाल ना कटवाने के कारण उसके बाल नेचुरल ही बड़े हो गए थेI

मोहिनी ने उसके सिर पर एक घुघराले बालों की विग सेट कर दी। फिर मांग में सिंदूर भर दिया और कान में झुमकी नाक में छोटी सी नथनी, गले में मंगलसूत्र पहना दिया। bad me पीले रंग की गोल्डन बॉर्डर वाली साड़ी और पीला ब्लाउज पहनाया। लगभग 1 घंटे के अंदर यानी ठीक सुबह 7:00 बजे तक अंजलि ने शिवांश को शिवांगी बना दिया। कभी saasu maa नहा कर आ गई और आते ही उन्होंने कहा शिवांगी अब यहां खड़े हो करके तमाशा मत करो जाओ किचन का काम करो 9:00 बजे हम सभी को ऑफिस के लिए निकलना है तब तक हम सब तैयार हो जाती है। अंजलि और मोहिनी ने मां की बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और शिवांगी किचन में जाकर नाश्ता बनाने लगी। 1 घंटे बाद जब नाश्ता तैयार हो गया यानी कि 8:40 पर शिवांगी खाना लेकर ड्राइंग रूम में आईIतो देखकर हैरत में पड़ गया। उसने देखा अंजलि बिल्कुल अलग ही रूप में नजर आ रही थी आज उसने वाइट कलर की शर्ट ब्लैक कलर का पेंट रेड कलर की टाई और ब्लैक कलर के लेदर शूज पहन रखे थे। आंखों पर काला चश्मा भी लगा रखा था। सासू मां भी ब्राउन कलर के तीन पीस मर्दाने सूट में थी। और अंजली की बहन मोहिनी ने हमेशा की तरह जींस और ब्लैक कलर की शर्ट पहन रखी थी।

यानी तीनों ने आदमियों वाले कपड़े पहन रखे थे , शिवांगी औरत बनकर यानी की साड़ी ब्लाउज में फुल मेकअप के साथ घरेलू काम कर रही थी। खैर उसने खाना सर्व किया सब ने नाश्ता किया और अपना अपना टिफिन लेकर काम पर चली गई। शिवांगी ने रूम अंदर से बंद कर लिया और सारे बर्तन वगैरह साफ किए उसके बाद टीवी खोल कर बैठ गईI

घर में एयरटेल डिजिटल टीवी लगा था पर उसने कोई भी स्पोर्ट्स चैनल या न्यूज़ चैनल नहीं आ रहा था। यहां तक की डिस्कवरी और कार्टून वाले चैनल भी गायब थे। शिवांगी ने कुछ सोचकर अंजलि को फोन लगाया। उसने पूछा की न्यूज़ चैनल और स्पोर्ट्स चैनल क्यों नहीं आ रहे हैं। अंजलि बोली मम्मी से बात कर लो। सभी अंजलि की मां का फोन शिवांगी के मोबाइल पर आया। क्या काम है तुम्हें स्पोर्ट्स चैनल और न्यूज़ चैनल काI घर की औरतों को सास बहू वाले सीरियल और पारिवारिक सीरियल ही देखने चाहिए Iवह सब चैनल आ रहे हैं तुम पारिवारिक चैनल देखो और खुद अच्छी तरह से औरतों की तरह रहना बनाना खाना और उन्हीं की चाल ढाल पूरी तरीके से सीख लो। और हां मैं तुम्हें यह छूट देती हूं कि तुम सीरियल देख कर जो भी साड़ी या ज्वेलरी या जो भी ड्रेस पसंद करोगी वह हम लोग लाकर तुम्हें पहनने के लिए Purchase kr denge.

शिवांगी का दिमाग ghoom रहा था उसे कुछ समझ नहीं आया मजबूरी में वह सीरियल सास बहू वाले ही देखने लगी। एक बार वह खुद को आईने के सामने ले गई वहां खुद को देखकर बुरी तरह शरमा गई उसे देखकर कोई या नहीं कह सकता था कि वह एक हाउसवाइफ नहीं है। सोचने लगी क्या अब उसे हमेशा ऐसे ही रहना होगा क्या क्या बाकी की जिंदगी उसे एक औरत के रूप में ही गुजार देनी होगी या कभी उसे इस रुप से आजादी भी मिलेगी। वह इसी उधेड़बुन में सोफे पर बैठी थी टीवी चल रही थी लेकिन उसमें उसका कोई इंटरेस्ट नहीं था क्योंकि वह अभी मानसिक रूप से एक औरत नहीं बनी थी। तभी दरवाजे पर एक थपकी आवाज हुई। शिवांगी अपने आप में मस्त थी उसने ध्यान नहीं दिया दोबारा फिर आवाज हुयी। दरवाजा खोलकर बाहर देखा तो श्यामा आंटी यानी की पड़ोसन खड़ी थीI

शिवांगी को देखते ही उन्होंने कहा तुम शिवांगी ही होना अंजली के मौसी की लड़की। जी हा शिवांगी बोली हां मैं जानती हूं अंजलि ने मुझे सुबह ही बताया था कि तुम अकेली घर पर होंगी बोर हो रही होगी सो मैं बबली को लेकर चली आई। शिवांगी ने देखा उस औरत के साथ एक छोटी सी बच्ची थी जिसका नाम बबली था। अंदर आ जाइए, शिवांगी ने अपना पल्लू संभालते हुए कहा। श्यामा आंटी अंदर आ चुकी थी और बबली शिवांगी को आंटी बोल रही थी। शिवांगी ने बबली को कुछ खिलौने दिए और बबली उन से खेलने लगी। श्यामा आंटी और शिवांगी दोनों सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगे। टीवी पर भाभी जी घर पर है, नाम का सीरियल चल रहा था, us me विभूती नारायण मिश्रा औरत बनकर अनिता भाभी के साथ चीटिंग कर रहा था।

shyama आंटी बोली कि ऐसे marad जो कोई काम नहीं करते उन्हें एक दिन औरतों के रूप में ही घर में रहकर काम करना पड़ता है। जब घर की औरतें काम करने बाहर जाएंगे और मर्द घर में रहेंगे तो उन्हें तो साड़ी ब्लाउज पहनकर ही औरत बन जाना चाहिए श्यामा aunty बोली। शिवांगी को लगा कि शायद कोई उसे ही ताना दे रहा है तभी बबली एक ओर से आई और आंटी आंटी मुझे बाथरूम आई है कहकर शिवांगी की अंगुली पकड़कर बाथरूम की ओर जाने के लिए कहने लगी। श्यामा आंटी ने कहा हां बेटी चली जाओ देखो इसे बाथरूम लगी होगी शिवांगी बबली को बाथरूम में ले गई और वहां उसे बाथरूम करा कर लायी। लगभग 2 घंटे तक श्यामा आंटी शिवांगी के साथ बातचीत करती रही। अब तक 5:00 बजने वाले the.श्यामा आंटी बोली चलो घर का कुछ हाल चाल देख लू।शिवांगी भी उब गयी थी।श्यामा के जाते ही वह भी,सब्जी वगैरह काटने लगी।

Part 4

श्यामा आंटी के जाने के बाद शिवांगी सब्जी काटने लगी, सब्जी काटने के बाद उसने पकौड़ी बनाने का सामान तैयार किया। अभी 6:00 बजने ही वाले थे तभी, सासु मां और मोहिनी आ गई। सासू मां ने आते ही कहा शिवांगी जरा चाय बनाओ तब तक मैं फ्रेश होकर आती हूं। मोहिनी भी फ्रेश होने चली गई। सासू मां ने अपने कपड़े बदल लिए थे अब वह कुर्ते और पजामे में थी। जबकि मोहिनी ने हाफ लोअर और टीशर्ट पहन रखा था। शिवांगी सासू मां और मोहिनी के लिए चाय बना कर ले आई। सासू मां ने चाय पीते हुए कहा देखो तुम एक सुहागन औरत हो तुम्हें हमेशा सिर पर पल्लू लेकर ही रहना चाहिए। जी माझी शिवांगी बोली। अभी सासू मां चाय पी रही थी की डोर बेल बजी। मोहिनी ने शिवांगी से कहा देखो ना भाभी बाहर कौन आया हैIमैंने बाहर देखा तो अंजलि सामने खड़ी थी वाह कोट पेंट टाई और चश्मे में थी उसने हाथ में सूटकेस पकड़ रखा था। जब अंजलि सूट के साथ में लेकर अंदर घुसी तो सासु मां गुस्से से बोली यह काश क्या शिवांगी तुम्हारी पति बाहर से काम करके आई है और तुम उसका सूटकेस नहीं ले पा रही हो। दरअसल सासू मां अब शिवांगी को बहू मान रही थी और अंजलि को उसका पति इसी तरीके से शिवांगी को पूर्ण रूप से एक पत्नी की तरह व्यवहार करने को कह रही थी। जी गलती हो गई सासू मां शिवांगी ने पल्लू संभालते हुए कहा। अंजलि सोफे पर बैठ गई तो सासु मां बोली अब तुम जब अंजलि की पत्नी बन चुकी हो तो कम से कम उसके जूते तो उतार दो और टाई खोल दो। तब शिवांगी ने अंजलि की टाइप उतारी और जूते भी खोल दिएIअंजलि फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई और शिवांगी उसके लिए नाश्ता बनाने अंजलि ने कहा कि वह बर्गर खाएगी इसलिए शिवांगी उसके लिए बर्गर बना रही थी। 5 मिनट बाद शिवांगी फ्रेश होकर आ गई अब उसने हाफ लोअर और सफेद रंग का टीशर्ट पहन रखा था। शिवांगी ने टेबल पर बर्गर और चाय रख दिया और बगल में सोफे पर बैठ गई। कब सासू मां बोली दूर क्यों बैठी हो शिवांगी आखिर वह पति है तुम्हारी तो पास में ही तुम्हें बैठना चाहिए। तब शिवांगी अंजलि की पत्नी की तरह उसके बगल में बैठ गई, अंजलि तिरछी नजरों से शिवांगी के ब्लाउज में से बाहर दिखाई दे रही ब्रा की पट्टी यों को देख रही थी या जाकर शिवांगी ने अपना पल्लू एडजस्ट किया अंजलि बोली अरे पगली मुझसे क्या छुपा रही हो मेरे लिए ही तो सज सवारकर तैयार हुई हो

यह सुनकर शिवांगी को अपने सचमुच के औरत होने का एहसास हो रहा था। क्योंकि ऐसी बातें कभी वह अंजलि के लिए किया करता था और आज वह खुद अंजली की पत्नी बन चुकी है। यानी कि हस्बैंड से हाउस हस्बैंड बन चुकी है। खैर अंजलि ने नाश्ता किया और शिवांगी सारे बर्तन लेकर धोने चली गई फिर अंजलि टीवी देखने लगी और मोबाइल पर गेम खेलने लगी जबकि शिवांगी रात का खाना तैयार करने किचन में चली गई। शिवांगी ने जब किचन में काम करना शुरू किया तो उसके चूड़ियों की खनक ड्राइंग रूम में सुनाई दे रही थी। जब वह चलती तो उसके पायल की खनक भी बाहर सुनाई देती है। मिलाकर शिवांगी एक नई नवेली बहू की तरह किचन में काम कर रही थी औरत की सारी जिम्मेदारियां संभाल रही थीIशिवांगी ने दाल चावल रोटी और सब्जी बनाकर सबको खिला या फिर बर्तन साफ किए और सबसे अंत में सोने के लिए बेडरूम में गई वहां पर देखा कि अंजलि मोबाइल पर गेम खेल रही थी।

शिवांगी को देखते ही अंजलि बोली यह क्या मैं दिनभर ऑफिस में काम करती हूं और जब थकी मॉदी घर आकर बैठी हूं तो तुम आकर बैठ गई हो। एक औरत को रात के समय बिस्तर पर अपने पति के सामने कैसे जाना चाहिए यह तुम्हें समझना चाहिए शिवांगी।जी मैं कुछ समझी नहीं शिवांगी ने कहा। अंजलि बोली यह क्या हाल बना रखा है बाल बिखरे हुए हैं चेहरे का क्या हाल है कम से कम यहां आने के पहले मेकअप तो हल्का सा कर लेती। जाओ पहले अपना face ठीक करके आओ हल्की सी लिपस्टिक लगा लो बिंदी लगा लो और मांग में सिंदूर भर लोIतब शिवांगी ड्रेसिंग टेबल के सामने चली गई और हल्का सा मेकअप किया लिपस्टिक और बिंदी लगाई और मांग में सिंदूर लगाकर सिर पर पल्लू डालकर शिवांगी तब अंजलि के सामने गई। अंजलि ने शिवांगी को देखकर का अरे वाह मेरी जान अब अच्छी लग रही हो या कहते हुए अंजलि ने अपना टीशर्ट उतार दिया अब वह वाइट कलर के सैंडो बनियान में थी। उसके सफेद नरम बूब्स देखकर शिवांगी/शिवांश का मन मचलने लगा, सोचा कि अंजलि को बाहों में भर ले पर यह संभव नहीं था क्योंकि वह खुद लेडीस गेट आप लेकर औरत बना हुआ था मर्द की जिम्मेदारी तो अब अंजलि को ही निभानी थी। शिवांश अभी ख्यालों में ही डूबा था कि अंजलि ने शिवांश को अपनी बाहों में भर लिया और उसे लेकर बेड पर एक और पलट गई





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