स्टोरी ऑफ ए इंडियन हाउस हसबैंड 1-2

Part 1

शिवांश पढ़ने में बहुत ही अच्छा अच्छा था और वहां शहर के सरकारी स्कूल में पढ़ता था इंटर के परीक्षा में उसने टॉप किया था इसलिए बिना एंट्रेंस की ही उसका प्रवेश एक प्रख्यात डिग्री कॉलेज में हो गया था। बीएससी करते समय भी उसका रिपोर्ट कार्ड फर्स्ट ईयर में बहुत अच्छा था कॉलेज के सभी लड़के और कुछ लड़कियां उससे पढ़ाई में हेल्प लेते रहते थे। इन लड़कियों में एक अंजलि भी थी जो अक्सर शिवांश से सहायता मांगती रहती थी और शिवांश भी उसकी कठिन प्रश्नों को हल करने में मदद कर देता था। धीरे-धीरे कुछ ऐसा होने लगा कि शिवांश अंजलि की तरफ आकर्षित होने लगा। 1 दिन अंजलि के पिता जी कॉलेज में आए वहां वह शिवांश से मिले उन्हें शिवांश बहुत अच्छा लगा बिल्कुल संस्कारी लड़का जिसमें कोई अवगुण भी था और कुशाग्र बुद्धि का जनक भी थाIअंजलि की पिताजी ने शिवांश को आशीर्वाद दिया कि निश्चय ही तुम अपने माता-पिता का नाम रोशन करोगे और किसी बड़े पद पर पहुंच जाओगे। यही सब चलता रहा इन 3 सालों में बीएससी कंप्लीट करते हुए ही अंजलि और शिवांश आपस में प्रेम करने लगे शिवांश इस भावना को अंजलि के पिता जी समझ गए थे उन्होंने भी शिवांश के रूप में एक अच्छा लड़का देख लिया था जो कि उन्हीं की बिरादरी का था और भविष्य में अंजली का साथ उसके लिए सुखद हो सकता था। लेकिन अंजली की मां कुछ अलग ही विचारधारा की थी वह अपनी हाई-फाई फैमिली में विश्वास करती थी उनके लिए अंजलि का दूल्हा कोई बड़ा बिजनेसमैन होना चाहिए था। पर अंजलि और शिवांश के प्यार और पिता की सहमति के आगे उसकी मां की एक ना चलीIअंजलि के घर में उसकी बड़ी बहन मोहिनी, और उसकी मां दो ही महिलाएं और थी। खैर अंजलि के पिताजी की तबीयत एक बार बिगड़ गई और उन्होंने अपने जीते जी ही अंजली और शिवांश की शादी कराने का निश्चय किया उन्होंने शिवांश के माता-पिता को बुलाया जो कि बिल्कुल सामान्य परिवार के मध्यमवर्गीय थे। उनके पास कहने सुनने को कुछ नहीं था वह शादी के लिए राजी हो गए पर अंजलि की मां ने एक शर्त रखी थी कि शादी के बाद अंजलि ससुराल नहीं जाएगी यही शहर में रहेगी और शिवांश भी यही सेटल हो जाएगा।

आर्थिक तंगी की वजह से शिवांश ने भी अंजली के पिता का प्रस्ताव मान लिया। फिर क्या था एक शुभ मुहूर्त में अंजली और शिवांश की शादी कर दी गई दोनों बहुत खुश थे लेकिन अचानक एक दुखद घटना शादी के एक माह बाद ही घटित हो गईIहार्ट अटैक होने से अंजलि के पिता का निधन हो गया। बस फिर क्या था अंजली की मम्मी पूरे परिवार पर हावी हो गई उन्होंने अंजली और शिवांश को अपने अनुसार चलने को मजबूर कर दिया। अंजलि ने बीएससी के साथ ही एक डिप्लोमा ले रखा था एकाउंटिंग का शो उसे एक फर्म में नौकरी मिल गई। जबकि शिवांश नॉर्मल पीसीएम से बीएससी किया था उसे एक छोटा सा टीचिंग का जाम मिला था जिसमें वह 5 से 6000 मुश्किल से कमाता था। अंजलि की स्टार्टिंग पे 20000 थी। अंजलि ने अगले 2 सालों में अपनी तरक्की कर ली और अब वह एक दूसरी मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर हो गई थी अब उसे ₹40000 मिलते थे और कंपनी की तरफ से एक कार भी मिली थी जबकि शिवांश इस बीच दो स्कूल बदले थे कुल मिलाकर वह अभी 7000 पर अटका हुआ था उसने जितने भी गवर्नमेंट सर्विस के एग्जाम दिए थे वहां वह पीछे रह गया था यानी उसका सिलेक्शन नहीं हुआ थाI

इसी बीच अंजलि ने अपनी कंपनी में ही रिसेप्शनिस्ट के पद पर अपनी बहन को भी एडजस्ट कर दिया वह भी 15000 कमाने लगी। सासू मां भी कम तिकड़म बाज नहीं थी उन्होंने भी एक डायरेक्ट सेलिंग कंपनी में नेटवर्किंग का काम शुरू कर दिया और तीन-चार महीनों में ही उनकी भी इनकम 15000 को पार हो गई। जब घर की तीनों महिलाएं काम करने लगी तो 8000 कमाने वाली शिवांश को कौन पूछता। महिलाओं को घर के काम करने में दिक्कत हो रही थी वह बार-बार चिल्लाती और घर में कल है हो जाती थी इसलिए उन्होंने एक नौकरानी रहने का फैसला किया। पर यह क्या दोनों टाइम घर का काम करने के लिए नौकरानी भी 9000 से कम में नहीं मिल रही थी। जबकि शिवांश की इनकम ही ₹8000 थी और मेंटेनेंस का खर्च अलग थाI

1 दिन शिवांश घर पर नहीं था कहीं बाहर गया था तीनों महिलाओं यानी अंजली अंजली की मां और अंजली की बहन मोहिनी ने मिलकर यह फैसला किया कि जब हम 9000 नौकरानी को देंगे और शिवांश 8000 कमा कर लाएगा तो क्यों ना घर का काम शिवांश ही करें हम लोग जो पैसे नौकरानी को देंगे वह 3000 शेयर करके शिवांश को दे दिया करेंगे। आया तो तीनों ने यह फैसला सुनाया शिवांश मजबूर था उसने कहा ठीक है वह घर का काम कर देगा वैसे भी बाहर जाने से उसको स्कूल में पढ़ाने से ₹8000 मिलते थे जिसमें से 15 सो रुपए उसके किराए में खर्च हो जाते थे शोभा घर में रहने को तैयार हो गया। फिर क्या था तीनों महिलाएं घर से बाहर काम करने जाने लगी और शिवांश घर में रहकर ही घरेलू काम करने लगा…………………


Part 2

शिवांश अब घर का काम करने लगा था वह चौका बर्तन झाड़ू पोछा सुबह नाश्ता तैयार करके सबको देना दोपहर की टिफिन तैयार करना और शाम का खाना भी समय से तैयार करना सभी काम वह घर पर रहकर ही करता था। जबकि दूसरी ओर शिवांश की सासू मां उसकी पत्नी, अंजलि और साली मोहिनी तीनों जॉब पर जाते थे कभी-कभी शिवांश सब्जी लेने चला जाता था। बस वही एक अवसर होता था उसके घर से बाहर निकलने का। घर के काम में बिजी हो जाने के कारण उसे पढ़ाई का अवसर भी कम मिलता है किंतु उसकी इच्छा थी कि वह इस बोरिंग जिंदगी से बाहर निकले इसलिए वह किसी कंपटीशन के लिए तैयारी करता रहता था। धीरे-धीरे समय बीता जा रहा था। 3 महीने बीत गए 1 दिन शिवांश ने अपनी पत्नी से कहा मेरे बाल बड़े हो गए हैं सोचा है कटवा LU.अंजलि बोली ठीक है जिस दिन मेरा ऑफ रहेगा उस दिन तुम बाहर जाकर बाल कटवा लेना। लेकिन तभी अंजली की मां बोल उठी क्या जरूरत है बाल कटवाने की और अब यह जब बाहर जाता नहीं है तो पैसा खर्च करने की क्या जरूरत है, अंजलि ने भी मां का साथ दिया उसने भी कहा जब बाहर जाना ही नहीं है तो फालतू में पैसे क्यों खर्च करें बाल कटवाने के।

आज संडे का दिन था शिवांश दोपहर का खाना तैयार कर रहा था और उसकी मां सासु मां पत्नी और साली तीनों बाजार गई थी। जब वह वापस लौटी तो ढेर सारी शॉपिंग की थी उन्होंने। अंजलि ने अपने लिए दो कुर्ता पायजामा घर में पहनने के लिए लिया था उसकी मां भी एक सेट कुर्ता पजामा लाई थी। और मोहिनी तो हमेशा जींस टॉप में ही रहती थी। अंजलि ऑफिस में मैनेजर थी सो उसने अपने ऑफिस के लिए 3 नए थ्री पीस सूट लिए थे जिसमें पैंट शर्ट टाई बेल्ट कोर्ट सब शामिल थेI

तभी सासू मां ने दो सेट साड़ियां निकाली और दो सलवार सूट के साथ दो सेट मैक्सी निकाली, वैसे शिवांश को देते हुए बोली कि आज के बाद तुम यह औरत के कपड़े ही घर में बहनों के मर्दो के कपड़े मैं तुम्हारे चला दूंगी जब तुम घर में औरतों का काम कर रहे हो तो तुम्हें एक हाउसवाइफ की तरह घर में रहना चाहिए। शिवांश ने कुछ कहने के लिए अंजलि की ओर देखा तभी अंजलि में अपने बैग से एक ज्वेलरी सेट निकाला, उसे शिवांश की और बढ़ाते हुए बोली जब तुम औरतों के कपड़े पहनो गे तो तुम्हें ज्वेलरी की भी जरूरत होगी देख लो इसमें नाक की नथ पायल बिछिया कान की झुमकी या गले का मंगलसूत्र और हाथों की चूड़ियां हैं। अब से तुम बाल नहीं CUTTING KARWAOGE. फिलहाल तुम्हारे बाल छोटे हैं इसलिए मैं तुम्हारे लिए एक भी HAIR WIG लाई हूं


तभी मोहिनी ने अपना पर्स open kiya.वह बोली जीजू आज AAP दीदी बनने वाली हो इसलिए मैं आपके लिए लिपस्टिक बिंदी सिंदूरऔर पैरों में लगाने के लिए रंग भी लाई हूंI नेल पेंट भी आया है। तभी अंजलि की मां अंदर से एक सुई और धागा ले आई। यह क्या है SHIVANSH Ne डरते हुए कहा। अंजलि बोली बिना नाक कान छिदवाने तुम जेवर कैसे पहनोगे और इसके बाद अंजलि और मोहिनी ने शिवांश के दोनों हाथ पकड़ लियाI और सासू मां ने उसके नाक और कान दोनों CHHED दिये। शिवांश दर्द से बिलख उठा , लेकिन तभी सासू मां बोली अब तुम शिवांश नहीं शिवांगी बन चुकी हो। और याद रहे कल से तुम सुबह 4:00 बजे उठ कर नहा लोगे 5:00 बजे तक तुम्हें मेकअप करके एक सुहागन औरत के रूप में तैयार हो जाना है .इसके बाद तुम पूजा करोगे और तभी किचन में जाकर काम करोगे और hum bhi आपसे औरतों की तरह बात करेंगे कि तुम क्या कर रही हो कहां जा रही हो और याद रखना अगर तुमने पूर्ण श्रृंगार नहीं किया तो मैं तुम्हें खाना भी एक टाइम नहीं दूंगीIइधर यह सब नसीहत ए शिवांगी को मिल रही थी तभी उसकी साली मोहिनी उसके सारे कपड़े उठा ले गई और सभी कपड़ों पर केरोसिन डालकर उसे जला दिया। केवल एक shirt pant था जिसे सासु Maa ने अलमारी के अंदर बंद कर दिया था वह कभी आने जाने के लिए था जब शिवांश बाहर जायेगा। कभी सासु Maa ne कहा शॉपिंग करने के बाद हम लोग काफी थक गए हैं, किस लिए जाकर चाय बना लो, मजबूरी में शिवांश चाय बनाने कीचेन में चला गया जब वह चाय बना कर आया तो। घर की तीनों महिलाओं ने जो अब मर्द बन चुकी थी उन्होंने चाय पी। तभी अंजलि की मॉ बोली। बेटा अंजलि ,मोहिनी जरा शिवांगी को कल के लिए तैयार तो कर दो, तब अंजली शिवांश को लेकर बाथरूम में चली गई और उसे वीट क्रीम लगाकर से नहलायाI

मोहिनी ने एक नाक की कील शिवांश की नाक में पहना दी और कानों में बड़ी बड़ी झुमकी पहना दी। अंजलि ने शिवांगी को पहनने के लिए नई पैड वाली ब्रा और पैंटी दी। अंजलि ने कॉटन को मोड़कर boobs बनाए और ब्रा कप में भर दिए। फिर अंजलि ने अपना एक पुराना मैक्सी निकालकर शिवांगी को दिया बोली आज तुम्हें यही रात में पहन कर सोना है कल सुबह तुम्हारा मेकअप करके एक औरत के रूप में तैयार कर दूंगी।
शिवांश कुछ बोल नहीं पा रहा था वह कुछ करने की स्थिति में नहीं था कहीं जा नहीं सकता था ना ही किसी को बता सकता था कि उसके साथ यहां की महिलाएं क्या कर रही हैं। वह बिस्तर पर लेटा बस यही सोच रहा था कि शायद आज की रात उसकी मर्द के रूप में आखिरी रात है और कल से उसे एक औरत की जिंदगी शुरू करनी है…………………..





टिप्पणियाँ