मेरा नाम विनोद है, मैं नाशिक महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 32 साल है और मेरी पत्नी निकिता 25 साल की है, हमारी शादी को 5 साल हो गए थे परंतु हमें अब तक बच्चे ना हुए थे, मैं ने ज़्यादा पढ़ाई नही की थी जबकि निकिता ने पढ़ाई कर के सरकारी नौकरी पाई थी, हम एक ही बिरादरी के थे इसलिए निकिता के पिता ने निकिता से मेरी शादी करवाई थी, शादी के एक साल बाद हम एक अलग घर मे रहने लगे, नया घर निकिता ने अपने पैसों से लिया था क्यों के उसे अपनी सासूमाँ की हर बात पर टोकने की आदत पसंद ना थी,वैसे भी निकिता को ये शादी पसंद नही थी क्यों के मैं गरीब परिवार से था जबकि वो अमीर परिवार से थी और उसकी सैलरी ज़्यादा थी वो अपनी सैलरी ज़्यादा तर पार्टियां कर के खर्च कर देती, मैं उसे पार्टियाँ करने से मना करता तो वो लड़ने लगती कहती मैं कमाती हूँ तो खर्च करती हूँ, तुमसे पैसा नही लेती, मेरा पैसा है मैं जैसे चाहूँ खर्च करुँगी, आखिर मुझे चुप होना पड़ता, अब हमारे झगड़े बढ़ने लगे थे, वो तो शायद मुझसे झगड़ने का मौका ढूंढती रहती थी इसी कारण में डिप्रेशन में रहने लगा, इससे मेरे काम पर भी असर पड़ने लगा, आखिर एक दिन मुझे नौकरी से निकाल दिया गया, निकिता को तो जैसे एक गिफ्ट मिल गया था बात बात पर मेरा मज़ाक़ उड़ाती, मैं ने नई नौकरी की तलाश शुरू की परंतु उम्र ज़्यादा होने के कारण तो कहीं पढ़ाई कम होने के कारण मुझे नौकरी नही मिल रही थी, एक महीना हो गया मेरे पास अब कुछ पैसे नही बचे थे,घर वालो से भी मदद मांगने में शर्म आने लगी क्यों के शादी के बाद मैं ने उन्हें छोड़ कर अपना अलग रास्ता कर लिया था, अब मैं निकिता पर निर्भर कर रहा था, मैं अब नौकरी ढूंढते हुए थक चुका था 2 दिन हुए मैं घर से कहीं नही गया, निकिता की जॉब का समय सुबह 10:30 से शाम 5 बजे तक था, निकिता शाम में आ कर खाना बनाती थी फिर हम खाना खा कर कुछ देर टीवी देखकर सो जाते थे, अभी रात के 7 बज रहे थे तभी हमारी कामवाली बाई आकर बोली मैडम मेरी बेटी बीमार है वो दूसरे शहर में रहती है मुझे वहाँ जाना है इसलिए मुझे 3, 4 दिन की छुट्टी चाहिए, निकिता ने उसे कुछ पैसे दिए और बोली ठीक है जा और अपनी बेटी का अच्छे से इलाज करवा उसके ठीक होने के बाद वापस आना तब तक मैं कुछ मैनेज करती हुँ ये कह कर वो मेरी ओर देख कर हौले से मुस्कुराई, उसकी आँखों मे एक चमक सी आ गयी थी जिसे मैं समझ नही पाया, थोड़ी देर बाद हमने खाना खाया, खाना खाने के बाद निकिता बोली सारे बर्तन अच्छे से धोकर किचन में रख दो जाओ, मैं हैरान होकर बोला, ये क्या कह रही हो मैं कैसे बर्तन धोऊंगा ? निकिता बोली क्या तुमने सुना नही के कामवाली बाई 3 , 4 दिनों तक नही आएगी , उसके आने तक उसके सारे काम तुम्हे करना पड़ेगा, बर्तन धोना, कपड़े धोने, सफाई करने, अब से तुम करोगे वैसे भी तुम दूसरा कोई काम नही करते चलो अब जल्दी जाओ, मैं झगड़ा ना हो इसलिए चुपचाप उठ कर चला गया, बर्तन धोए और किचन में रख कर सोने चला गया, थोड़ी देर बाद निकिता ने आकर पूछा, बर्तन धोकर रख दिये न ? मैं ने हाँ में सर हिलाया तो वो बोली कल भी ये काम करने है और मैं ने अपने कुछ कपड़े निकाल कर रखे है कल उन्हें भी धो देना, मैं चुप रहा, फिर हम सो गए, सुबह निकिता उठी नाश्ता किया और रेडी होकर आफिस चली गयी, मैं ने सोचा इसके टार्चर से अच्छा है के मैं बाहर जॉब तलाश करूँ, नाश्ता देखा तो निकिता ने नही बनाया था गुस्से से मैं बिना नाश्ता किये ही निकल गया परंतु नतीजा वही निकला, ना जॉब मिली ना ही उसकी कहीं से उम्मीद रही, थका हुआ जब घर गया तो निकिता गुस्से में भरी बैठी थी चिल्ला कर बोली, कहाँ से आ रहे हो ? मेरे कपड़े क्यों नही धोए ? मुझे पार्टी में जाना था उन कपड़ो में, मुझे भी गुस्सा आ गया मैं बोला के मैं जॉब ढूंढने गया था और तुमने मेरे लिए नाश्ता क्यों नही बनाया था ? निकिता चिढ़ कर बोली तो खुद बना कर क्यों नही खाया मैं क्या तुम्हारी नौकर हूँ जो रोज़ तुम्हारे लिए खाने बनाऊं ? मैं बोला के हर पत्नी का कर्तव्य है के वो अपने पति की सेवा करे, निकिता गुस्से से मेरे करीब आकर बोली, पति भी उस काबिल होना चाहिए के उसकी सेवा की जाए तुम तो खुद के लिए भी कुछ नही कर सकते मेरे लिए क्या करोगे ? मैं ने हर चीज़ अपने पैसों से क़रीदी है यहाँ तक के ये घर भी, आज तक तुमने मुझे क्या दिया ? तुम तो एक बच्चा तक नही दे पाए, मैं धीमी आवाज़ में बोला, मैं जॉब ढूंढ रहा हूं जॉब मिलने के बाद सब ठीक हो जाएगा, निकिता बोली अब तुम्हे जॉब नही मिलने वाली, और सुनो अब मैं ने एक फैसला किया है अगर तुम्हें यहाँ रहना है तो मेरी पत्नी बन के रहना पड़ेगा, क्यों के मैं ने इस घर को एक पति की तरह संभाल रखा है तो मैं एक पति की तरह रहूँगी, और तुम्हें एक आदर्श पत्नी की तरह मेरी मेरी सेवा करना पड़ेगा, अगर मंजूर हो तो रुको वरना यहाँ से चले जाओ मुझे किसी की ज़रूरत नही है, मैं ने निकिता को बहोत समझाने की कोशिश की पर वो कुछ सुनने को तैय्यार ही नही थी, आखिर मैं ने उसकी बात मान ली, अब उसका गुस्सा थोड़ा कम हुआ पर उसने आर्डर किया, जाओ मेरे कपड़े धो लो तब तक मैं खाना निकालती हूँ पर कल से तुम्हें खाना भी बनाना पड़ेगा, मै ने अपना सामान रूम में रखा और जाकर निकिता के कपडे धोए फिर किचन में जा कर खाना खाया, बेड रूम में आया तो देखा निकिता अपने कुछ कपड़े निकाल रही थी उन् में बहोत सारी साड़ीयां, शलवार सूट, लहँगा चोली, चूड़ीदार,फ्रॉक्स जो वो नही पहनती थी वो अलग कर के मेरी अलमारी में रखने लगी , और मेरे पुरुष वाले सारे कपड़े निकाल कर अपनी अलमारी में रख कर उसे लॉक कर दिया, फिर एक ब्लू नाइटी मुझे देकर पहनने को कहा, मैं ने थोड़ा विरोध करने की कोशिश की तो वो बोली,कल से तुम्हे मेरी पत्नी बनकर रहना है,इसलिए आजसे एक स्त्री की तरह रहना शुरू कर दो, सुबह जल्दी उठ कर मेरे लिए नाश्ता तैय्यार करना और मुझे ऑफिस जाने में हेल्प करना,ये नाइटी तुम्हे याद दिलाएगी के तुम्हे क्या करना है इसलिए चुप चाप इसे पहन लो वरना मुझे गुस्सा अस जाएगा, ये कह कर उसने मुझे अपने कपड़े उतारने का इशारा किया, मैं ने मजबूरन अपने कपड़े उतारे, मैं केवल अंडर वियर में खड़ा था, निकिता मेरे पास आई, उसके हाथ मे एक ब्लैक ब्रा थी जिसे उसने मुझे पहनाना शुरू किया, दोनों हाथों में स्ट्राप डालकर पीछे से ब्रा के हुक लगा दिए,मैं केवल कसमसा रहा था,पर उसे रोक नही पा रहा था,फिर उसने ब्रा के कप में कॉटन डालकर फेक बूब्स बनाये और मुझे नाइटी पहनने का इशारा किया, मैं ने नाइटी पहन ली, चलो अब ऐसे ही सो जाओ सुबह सब काम ठीक से करना कह कर वो सोने चली गयी पर चिंता के कारण नींद मेरी आँखों से दूर थी, मुझे अपना भविष्य अँधेरे में दिखाई दे रहा था, क्या मुझे जीवन भर निकिता की पत्नी बनकर उसकी सेवा करना पड़ेगा? क्या मुझे एक महिला के शरीर में परिवर्तन करना पड़ेगा? क्या मुझे दुबारा पुरुष बनकर जीवन बिताने का अवसर मिलेगा ?कई प्रश्न मेरे दिमाग मे आये लेकिन उसका उत्तर किसी के पास ना था,
सुबह उठकर पहले मैं ने नाश्ता बनाया फिर निकिता को नींद से जगाया, वो मुझे देख कर बोली, सब काम कर लिया ना ? मैं ने धीमी आवाज़ में कहा आप फ्रेश हो जाओ मैं ने नाश्ता बना लिया है, वो बोली ठीक है मेरे फ्रेश होकर आने तक मेरे आफिस के कपड़े निकालो और उसे प्रेस कर के रखो, मैं ने निकिता के आफिस के कपड़े निकाले और किचन में जाकर नाश्ता निकलना शुरू किया, टेबल पर नाश्ता निकालने तक वो रेडी हो कर आई, मैं ने उसे परोसा, वो नाश्ता करते हुए बोली, मेरे जाने के बाद रूम अच्छे से क्लीन करना, मेरे कपड़े धो कर सूखने दाल देने, और बर्तन धोकर किचन में रख देना, अब से ये सब तुम्हे रोज़ करना है और अब ये नाइटी उतार दो और कोई अच्छा सा ड्रेस पहन लेना,मैं ने तुम्हारे लिए कुछ ड्रेस कपबोर्ड में रखे है, मैं सब कुछ चुप चाप सुनता रहा, निकिता के आफिस जाने के बाद पहले मैं ने बर्तन धोकर किचन में रखे, फिर रूम को अच्छे से साफ किया उसके बाद निकिता के कपड़ों को धोकर सूखने रख दिया, अब मैं ने अपने आपको आईने में देखा तो नाइटी में मैं अजीब लग रहा था, मैं ने सोचा निकिता के आने तक मैं कपड़े चेंज करके अपने कपड़े पहन लूँगा पर जब अलमारी खोली तो उसमें केवल महिलाओं के ही कपड़े थे, मेरे सारे कपड़े निकिता ने अपनी अलमारी में रख कर उसे लॉक कर दिया था, मैं ने कपड़े देखने शुरू किए उसमे मुझे एक नीला शलवार सूट पसंद आया, मैं ने नाइटी उतारी और ड्रेस पहन लिया, अब मैं ने मिरर में खुद को देखा तो मैं एक महिला जैसे लग रहा था लेकिन मेरे छोटे बाल और मेकअप ज्वेलरी ना होने के कारण थोड़ा अजीब लग रहा था, मैं ने अब दूसरे काम करने शुरू किए,
अब शाम हो गयी थी, निकिता के आने का समय हो गया था मैं ने जल्दी से खाना बनाना स्टार्ट किया, अब खाना रेडी था, थोड़ी देर बाद निकिता आयी तो घर की सफाई और मुझे शलवार सूट में देख कर खुश हो गयी, बोली घर तो अच्छे से तैयार किया पर खुद को अच्छे से तैय्यार क्यों नही किया ? चूड़ियां और पायल क्यों नही पहनी ? होंठो की लाली कहाँ गायब है ? पत्नी को देख कर पति का मूड ठीक हो जाना चाहिए ना के खराब, मैं ने कहा मुझे ये सब नही आता, वो बोली मुझे पता है इसलिए गुस्सा नही किया, कल मेरा ऑफ है तो मैं तुम्हारे लिए जो भी ज़रूरी चीजें है ले आऊंगा और कल से तुम साड़ी ब्लाउज और ज्वेलरी पहन कर एक हाउस वाइफ जैसे रहोगी समझी ? मैं नज़रे झुकाएं खड़ा था उसने पूछा डिनर रेडी है या नही ? मैं ने कहा रेडी है, ठीक है टेबल पर लगाओ मैं आता हूँ कह कर वो गयी, मैं ने टेबल ओर खाना लगाया, थोड़ी देर बाद वो आई तो उसने मेरा शर्ट और जीन्स पहना था, मैं ने खाना निकाला फिर हम दोनों ने खाना खाया,मैं ने बर्तन धो कर किचन मी रख दिये, अब हम टीवी देखने लगे, तभी वो बोली आज से तुम्हारा नाम गीता होगा और तुम मुझे नाम से नही बुलाओगी बल्कि ओ जी, सुनते हो जी केह कर बुलाओगी, खुद के लिए आई गयी, रही हूँ जैसे कहने शुरू कर दो,कल मैं तुम्हे एक महिला बना दूँगा आए टीवी देखने लगे, अब मैं समझ चुका था के जो उसने कहा दिया अब वही होगा, मैं ने अब खुद को उनकी पत्नी मानना शुरू कर दिया ताके मुझे आदत हो जाये, मैं सुबह से काम कर के थक चुकी थी इसलिए मैं ने उनसे कहा सुनिए जी मुझे नींद आ रही है मैं सोने जाऊं क्या ? वो थोड़ा मुस्कुराए और बोले ठीक है सो जाओ मैं थोड़ी देर में आत हूँ, मैं ने रूम में आकर कपड़े चेंज किये और नाइटी पहन कर सो गई, सुबह उठकर मैं ने नाश्ता बनाया और फिर उन्हें जगाया, नाश्ता करने के बाद वो तैय्यार हुए और बोले, काम करने के बाद बाथ ले लेना, और अच्छे से शेविंग कर लेना मैं कुछ ज़रूरी चीजें लेकर आता हुँ, फिर वो बाहर चले गए, मैं ने जल्दी जल्दी काम निपटाए और नहाने चली गयी, मैं वशरूम में ही थी तभी उनकी आवाज़ आई, गीता मैं आ गया हूँ, अब जल्दी से नहा कर निकलो, फिर वशरूम का दरवाजा खटखटा कर बोले, नहाने के बाद ये ब्रा पेंटी पहन कर रूम में आओ, मैन दरवाज़ा थोड़ा सा खोलकर ब्रा पेंटी लेली, नहाने के बाद मैं ने पिंक सेक्सी पेंटी पहनी और ब्रा के स्ट्रैप सेट करके उसे पहन के हुक लगा दिए, और कमर पर टॉवल लपेट कर रूम में चली गयी, रूम में उंन्होने एक पिंक साड़ी ब्लॉस और पेटिकोट निकाल रखा था, साथ ही मेकअप का सामान और कुछ ज्वेलरी थी, अब उंन्होने मुझे तैय्यार करना शुरू किया, पहले ब्रा के कप में कॉटन डालकर फेक बूब्स बनाये, फिर पेटोकॉट पहना कर उसे कस कर बांधा, फिर पिंक कलर का रेडीमेड ब्लाउज पहनाया, उसके बाद साड़ी को कमर और लपेटा, प्लेट बनाते समय बोले मैं केवल आज ही तुम्हे साड़ी पहनाऊंगा, इसे पहनते पहनते सीख लो , कल से तुम्हे खुद अपने आप तैय्यार होना है, फिर मुझे प्लेट बनाना, पल्लू बनाना, उसे सेट करने सिखाया, और मेरे लेफ्ट शोल्डर पर पल्लू सेट कर दिया, अब मुझे ड्रेसिंग टेबल के पास लेजा कर मेरा मेकअप स्टार्ट किया, पिंक लिपिस्टिक लगाई, अब ज्वेलरी पहनना शुरू किया, हाथों में पिंक चूड़ियां 12,12 दोनों हाथों में, फिर पायल पहनाई, फिर एक नेकलेस पहनाया, मेरे नाक कान में बाद में छेद करेंगे अभी ये पहन लो कह कर मेरे कान में क्लिप ऑन झुमके पहनाए और एक छोटी क्लिप ऑन नथ पहनाई, एक मध्यम लंबाई वाली विग लगाई,फिर एक प्लेट जिसमे सिंदूर और मंगलसूत्र रखा था लेकर मेरी मांग में सिंदूर भर दिया और मेरे गले में मंगलसूत्र पहना कर आशीर्वाद लेने कहा, मैन आशीर्वाद लिए तो बोले सदा सुहागन रहो, मैं शर्मा गया, अब मैं ने खुद को उनकी पत्नी मान लिया, मुझे अब महिला बन कर रहने में मज़ा आ रहा था, मैं खुश अपने हाथों से साड़ी ब्लाउज पहनती, चुड़िया पहनती, मेकअप करती, हम कभी कभी बाहर भी घूमने जाते, मैं ने अपने कानों और नाक में छेद करवा लिए थे, और मेरे बाल भी लंबे हो गए थे जिसके कारण मुझे विग की ज़रूरत ना थी, मैं ने एक आदर्श पत्नी की तरह जीना सीख लिया, अब हमारे बीच झगड़े नही होते और हम दोनों बहोत खुश है, कमी है तो केवल एक नन्हे मुंन्हे मेहमान की, क्या हमारी ये इच्छा पूरी होगी ?

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