एक बेटा, जो लड़की बनकर काम पर जाता है।
“ मैं समझता हूं मां, पर जॉब को जारी रखने के लिए लड़की बनकर काम करना सही थोड़ी है…? ”

सुबह काम पर जाने से पहले एक बेटा लड़की की तरह सजने को लेकर मां से शिकायत करते हुए..!
“ बेशक आम बात तोह नहीं है बेटा पर इसमें कुछ बुरा भी नहीं है। तुम खुद सोचो, अगर तुम मेरे बेटे ना होकर बेटी होती तो क्या इस जॉब को नहीं करते…? ”
“ वो बात अलग होती मां, फिलहाल तोह मै आपका बेटा हूं और लड़का होने के बावजूद मुझे लड़की बनकर काम पर जाना पड़ रहा है। क्या ये आपको अच्छा लग रहा है। ”
“ it’s ok बेटा, लड़की बनना कोई बुरी बात नहीं है। और वैसे भी तुम्हे अब ४ महीने हो चुके है इस तरह काम पर जाते हुए। माना कि शुरू शुरू में तुम्हे साड़ी पहनकर काम पर जाने में मुश्किल होती थी। पर अभी तोह वो भी मुश्किल खत्म हो गई है। अभी तोह तुम बिल्कुल किसी आम लड़की की तरह अपनी साड़ी को संभाल सकते हो। इंफेक्ट मैंने कुछ दिनों से तुम्हे नोटिस किया है कि तुम साड़ी में एकदम कंफर्टेबल होते हो। यहां तक कि तुम अपनी ४ इंच की हील्स पहनकर भी साड़ी में अच्छे खासे कंफर्टेबल रहते हो। ”
“ वो तोह बस, पिछले चार महीनों से रोज पहनने की वजह से हुआ है। ”
“ मैं जानती हूं बेटा, मुझे पता है कि तुम्हे अब साड़ी में रहने की आदत हो गई हैं। और ये अच्छा भी है। इसलिए मेरी मानो तोह रोज सुबह ऐसे परेशान होना बंद करो और हसी खुशी काम पर चले जाओ। ”
“ पर मां, आखिर ये कब तक कर पाऊंगा मैं..? ”
“ कब तक मतलब..? तुम्हे लगता है ऐसी जॉब तुम्हे कहीं और मिलेगी..? वो भी महीने की इतनी ज्यादा सेलरी के साथ..? ”
“ i don’t think so मां..! ”
“ तो फिर प्रोब्लेम्स क्या है बेटा…? पीछले ४ महीनों से तुम लड़की बनकर काम पर जा रहे हो। और अब तोह तुम्हे इसकी आदत भी हो चुकी है। वहीं ऑफिस में, तुम्हारी तरह और भी २ लड़के हैं जो लड़की के रूप में काम कर रहे है। जिनके रहते तुम्हे अकेलापन भी महसूस नहीं हो सकता तोह ऐसेमे तुम इतनी अच्छी जॉब क्यों छोड़ोगे भला…? ”
“ माना कि मुझे अब थोड़ी बोहोत आदत हो चुकी है मां, पर रोज रोज इस तरह साड़ियां पहनकर जाना, मेकअप करना, लड़कियों की तरह व्यवहार करना एक लड़के के लिए आसान थोड़ी होता है..? ”
“ मैं समझती हूं बेटा, मैं जानती हूं कि एक लड़के के लिए हर वक्त ब्रा पहनना, लगभग हर दिन १० घंटे साड़ी में रहना , ऊंची एड़ी की सैंडल में चलना , अपने लंबे बालों को संभालते हुए ऑफिस में काम पर ध्यान देना कितना मुश्किल होता होगा। पर मुझे खुशी है कि तुमने ना सिर्फ इस जॉब को करने की कोशिश की है बल्कि तुम इसमें माहिर भी हो चुके हो। इसलिए मुझे गर्व है कि तुम मेरे बेटे हो। साथ ही मुझे खुशी है कि इस जॉब के कारण मुझे अपनी बेटी को देखने का भी मौका मिला…”
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